प्रसंग-कवि द्वारा एकमंत्री के पैरों का स्पर्श ,एक ज़हर लगी रचना निवेदित कर रहा हूँ । प्रसंग-कवि द्वारा एकमंत्री के पैरों का स्पर्श ,एक ज़हर लगी रचना निवेदित कर रहा हू...
आज के समय में देवीय श्रृद्धा इंसानों के पाखंड तक सीमित हो के रह गई ,कभी कभी तो लगता मानों कलम त्याग ... आज के समय में देवीय श्रृद्धा इंसानों के पाखंड तक सीमित हो के रह गई ,कभी कभी तो ल...
जब सामना हो अत्याचार से तो बंदूक़ नहीं कलम उठाइए। जब सामना हो अत्याचार से तो बंदूक़ नहीं कलम उठाइए।
तैयार रहो लो ख़त्म हुआउस रणभेरी का गुंजन अतिवीर बढ़ो अब रणपथ परखुद करो कालअभिनंदन कर छिन्न भिन्न हर श... तैयार रहो लो ख़त्म हुआउस रणभेरी का गुंजन अतिवीर बढ़ो अब रणपथ परखुद करो कालअभिनंदन...
मरने का वो दौर अलग था, आज चलो हम जीते हैं। आज़ादी का अमृत पाया, बूँद बूँद हम पीते है। मरने का वो दौर अलग था, आज चलो हम जीते हैं। आज़ादी का अमृत पाया, बूँद बूँ...
मैं एक कवि कवि ने खुद को ही प्रस्तुत किया है कविता के घर में पनाह माँगते हुए मैं एक कवि कवि ने खुद को ही प्रस्तुत किया है कविता के घर में पनाह माँगते हुए